Padm Singh पद्म सिंह 10:08 am on October 19, 2017 क्रान्ति सुनहरा कल लाएगी क्रान्ति सुनहरा कल लाएगी संघर्षों का फल लाएगी स्वप्न बंधे जंजीरों में आशाएं कुंठित रुद्ध भले होँ आज समय विपरीत सही विधि के निर्माता क्रुद्ध भले होँ स्वेद लिखेगा आने वाले कल को बाज़ी किसकी होगी झंझावात रुके हैं किससे राहें होँ अवरुद्ध, भले होँ जाग पड़ेंगे सुप्त भाग्य कुछ ऐसा कोलाहल लाएगी क्रान्ति सुनहरा कल लाएगी संघर्षो का फल लाएगी … हमने सीखा नहीं समय से डर जाना घुट कर मर जाना क्रान्ति और संघर्ष रहा है परिवर्तन का ताना बाना दुर्दिन के खूनी पंजों से खेंच सुपल फिर वापस लाना ठान लिया तो ठान लिया पाना है या कट कर मर जाना थर्रायेंगे दिल दुश्मन के वो भीषण हलचल लाएगी क्रांति सुनहरा कल लाएगी संघर्षों का फल लाएगी…. याचक बन कर जीना कैसा घुट घुट आंसू पीना कैसा रोशन होकर ही जीना है धुवाँ धुवाँ कर जीना कैसा घात लगा कर गलियों गलियों गद्दारों की फ़ौज खड़ी है तूफानों से घबरा जाए वो भी कहो सफीना कैसा हर पगडण्डी राजमार्ग तक आज नहीं तो कल लाएगी क्रान्ति सुनहरा कल लाएगी संघर्षों का फल लाएगी …. Rate this:इसे शेयर करे:TwitterFacebookRedditपसंद करें लोड हो रहा है... Related