बाल कविताएँ

 

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हाथी राजा बहुत बड़े,

सूंड उठा कर कहाँ चले

मेरे घर तो आओ ना,

हलवा पूरी खाओ न

आओ बैठो कुर्सी पर,

कुर्सी बोली चर चर चर

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 कुँए में थोड़ा पानी,

मम्मी मेरी रानी

पापा मेरे राजा

दूध पिलाएँ ताज़ा

सोने की खिड़की

चांदी का दरवाजा

उसमे से कौन झांके

मेरा भैया राजा

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गधा जानवर बड़े काम का

जीवन जीता है गुलाम का

धोबी के डंडे से डरता

सब से ज्यादा मेहनत करता

फिर भी कहते लोग, गधा है

सीधे पन की यही सजा है

 

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ऊंट मरुस्थल का राजा है CAMEL 

कड़ी धूप में भी ताज़ा है

पानी पी ले एक दो घूँट

मीलों सरपट दौड़े ऊँट 

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कितनी सुन्दर कितनी प्यारी  cow

सब पशुओं में न्यारी गाय

सारा दूध हमें डे देती

आओ इसे पिला दें चाय

 

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राम नगर से राजा आया

श्याम नगर से रानी

रानी रोटी सेंक रही है

राजा भरता पानी

0007

बिल्ली बोली म्याऊं

मै आऊँ मै आऊँ MICE

चूहा बोला ठहर जा

मै पहले छुप जाऊँ

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बने डाक्टर छोटे भैया

फीस मांगते एक रुपैया

जब इलाज को पहुंची गुड़िया

उसे थमा दी मीठी पुड़िया

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चंदा मामा खेले ड्रामा

तो जोकर का काम मिला

नया निराला ढीला ढाला

देखो कैसा सूट सिला

 

चिड़िया, चिड़िया उड़ उड़ जाए

चिड़िया चिड़िया खुशी से गाये

 

दस छोटी चिड़िया, खा रही थी जौ

एक उनमे से उड़ गयी बाकी बची नौ

नौ छोटी चिड़िया पढ़ रही थी पाठ

एक उनमे से उड़ गयी बाकी बची आठ

आठ छोटी चिड़िया कर रही थी बात

एक उनमे से उड़ गयी बाकी बची सात

सात छोटी चिड़िया बोल रही थी जय

एक उनमे से उड़ गयी बाकी बची छे

छे छोटी चिड़िया देख  रही थी नाच

एक उनमे से उड़ गयी बाकी बची पांच

पांच छोटी चिड़िया खाती थी अचार

एक उनमे से उड़ गयी बाकी बची चार

चार छोटी चिड़िया बजा रही थी बीन

एक उनमे से उड़ गयी बाकी बची तीन

तीन छोटी चिड़िया धान रही थी बो

एक उनमे से उड़ गयी बाकी बची दो

दो छोटी चिड़िया धूप रही थी सेंक

एक उनमे से उड़ गयी बाकी बची एक

एक छोटी चिड़िया देख रही थी हीरो

वो चिड़िया भी उड़ गयी बाकी बची जीरो

 halloween

 आपका पद्म- 9716973262

(कविताएँ विभिन्न स्थानों से संकलित हैं)