चिट्ठा चर्चा आरती का संकलन (Exclusive)

बड़े भाई मान्यवर समीर लाल जी – की चिट्ठा चर्चा आरती एक कमेन्ट के रूप में पहले पढ़ी थी मैंने, मुझे भी संक्रामक खुजली हो गयी थी… सो मैंने इसे कुछ आगे बढा दिया था पर पोस्ट नहीं किया था, एक दिन ‘अदा’ जी की एक पोस्ट में उनकी आरती को आगे बढते देखा तो मेरा जी नहीं माना और मैंने भी अपनी आरती को बक्से से निकाला और झाड़ पोंछ कर परोसने का साहस कर ही लिया … यहाँ पाठकों की सुविधा के लिए उक्त आरतियों का संकलन प्रस्तुत है…

समीर लाल जी –

ओम जय चिट्ठाचर्चा…

स्वामी जय चिट्ठाचर्चा….

तुम हो एक अखाड़ा

दंगल खूब रचे…

स्वामी दंगल खूब रचे..

तुझसे जिक्र में अक्सर

कितने नाम बचे…

स्वामी कितने नाम बचे!!!

तुझसे पंगा लेने

ब्लॉगर है डरता..

ओम जय चिट्ठाचर्चा…

स्वामी जय चिट्ठाचर्चा….

तुम पर सबकी नजरें

तुम ही रास रचो..

स्वामी तुम ही रास रचो

मैं तो बचा हूँ स्वामी

तुम भी आज बचो…

तुझ पर कितने दावे

हर कोई है करता…

ओम जय चिट्ठाचर्चा…

स्वामी जय चिट्ठाचर्चा….

अपन ने भी लिखा  –

आप हो एक अगोचर

गोचर सबहिं करो

नए नए ब्लागरन पे

आपहिं कृपा करो

स्वामी आपहिं कृपाकरो

चोखा रंग जमे मगर

दाम होखर्चा

ओम जय चिटठाचर्चा…..

राम भरोसे बैठके

सबके मुजरा लेय

उसकी ऎसी की तैसी जो

आपसे पंगा लेय

ब्लागर वुड में घमासान

हाय चर्चे पे चर्चा

ओम जय चिटठा चर्चा

चर्चे में सब छप रहे

अपने अपने यार

ज्ञानार्जन के नाम पर

ये कैसा व्यभिचार

स्वामी कैसा अत्याचार

तुम भी चर्चा खोल लो

क्यों लागे मिर्चा

ओम जय चिटठा चर्चा

अदा जी की वंदना –

ॐ जय चिट्ठाचर्चा

स्वामी जय चिट्ठाचर्चा

तुम्हरे कारण अपना

तुम्हरे कारण अपना

नहीं बंद हुआ चर्चा

ॐ जय चिटठा चर्चा

कितने भी ठोस मैं पोस्ट लिखूँ

स्वामी कितने भी ठोस लिखूँ

इनकी नज़र में भईया

मैं ना धाँसू दिखूँ

स्वामी मैं ना धाँसू दिखूँ

कैसे योग्य बनूँ मैं

आउट करो परचा

ॐ जय चिटठा चर्चा

बैर जो आपसे मोल लिया

बस भाग मेरा फूटा

भईया भाग मेरा फूटा

चिट्ठों की मेरी वाट लगी

चर्चा ही मेरा छूटा

स्वामी काहे भला छूटा

चर्चे उनके बड़े हैं

चर्चे उनके बड़े हैं

जो गोड़ इनके पड़ता

ॐ जय चिटठा चर्चा

अब हम जाने हैं बंधू

लुटिया डूबी मेरी

लुटिया ही डूबी मेरी

सत्य वचन हम बोलें

हमरी है खूबी

स्वामी हमरी है खूबी

अपने जोर लगाओ

चेलों को भी बुलाओ

फर्क नहीं पड़ता

ॐ जय चिटठा चर्चा

नाम जो इसके डोमेन लिया

स्वामी काहे डोमेन लिया

माथा पकड़ कर सोचूँ

हाय रे ये क्या किया

मैंने काहे ये किया

छोटे बड़े सभी को

छोटे बड़े सभी को

खूब लगा मिर्चा

ॐ जय चिटठा चर्चा

ॐ जय चिटठा चर्चा

स्वामी जय चिट्ठाचर्चा

तुम्हरे कारण अपना

तुम्हरे कारण अपना

थोड़ा बढ़ा खर्चा

ॐ जय चिटठा चर्चा

’अदा’ जी का अपडेट –

श्री चिटठा चर्चा जी कि आरती जो कोई जन गावे
भईया जो कोई जन गावे
कहत ब्लाग्रानंद स्वामी
कहत ब्लाग्रानंद स्वामी
true ब्लॉगर बन जावे …..
ॐ जय चिटठा चर्चा….
बोलो प्रेम से श्री चिटठा चर्चा महराज की….
जय….!!

(मेरी आरती के साथ साथ आरतियाँ समीर लाल जी और अदा जी के पोस्ट से साभार चुराई गयी हैं)